Farmer Protest 2024 : देश में 13 फरवरी 2024 से किसान एक बार फिर से दिल्ली की ओर कूच कर रहे हैं। किसानों के इस प्रदर्शन को देश के करीब 200 किसान संगठनों का समर्थन मिला है। किसान MSP के लिए कानूनी गारंटी के अलावा स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने तथा अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं ।
किसान क्यों कर रहे हैं धरना प्रदर्शन :
देश में तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन के करीब तीन साल बाद एक बार फिर से UP से लेकर पंजाब-हरियाणा के किसानों ने ’13 फरवरी को ‘दिल्ली चलो का नारा दिया । संयुक्त किसान मोर्चा और किसानों ने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के संबंध में कानून बनाने समेत विभिन्न मांगों को लेकर केंद्र सरकार पर दबाव डालने के लिए दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना देने का ऐलान कर दिया ।
200 किसान यूनियन का समर्थन:
Farmer Protest 2024 को देश के 200 से अधिक किसान संगठनों का समर्थन मिला है। किसान MSP के लिए कानूनी गारंटी के अलावा स्वामीनाथन आयोग की Report को लागू करने, किसानों और खेतिहर मजदूरों के लिए पेंशन, ऋण माफी, पुराने केसेस को वापस लेने और लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए ‘न्याय’ की भी मांग कर रहे हैं। किसान 2021 में कृषि कानूनों के खिलाफ अपना आंदोलन वापस लेने पर सहमत हुए थे उस समय यह सारी मांगों को सरकार ने मान लिया था और उस पर सहमति भी जताई थी ।
किसान आंदोलन ( farmer protest 2024 )से दिल्ली में धारा 144 लागू:
2020-21 में किसानों के विरोध प्रदर्शन के बाद आखिरकार इन कानूनों को सरकार ने ठंडे वस्ते में डाल दिया था। किसानों के फिर से प्रदर्शन को देखते हुए केंद्र की मोदी सरकार ने किसान यूनियनों की मांगों पर चर्चा के लिए 12 फरवरी को उन्हें एक और बैठक के लिए आमंत्रित किया था। दूसरी ओर प्रदर्शनकारियों को दिल्ली में प्रवेश रोकने के लिए बैरिकेडिंग और सड़क पर कीलें गाढ़ दी गई। साथ ही राजधानी में धारा 144 लागू कर दी गई है। हरियाणा और दिल्ली से लगी सीमाओं को सील कर दिया गया है इसके अलावा हजारों पुलिसकर्मियों को तैनात किया जा चुका है।
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प्रदर्शनकारी किसानों से बातचीत को तैयार सरकार:
Farmer protest 2024 2.0 : हरियाणा सरकार ने शांति भंग होने की आशंका के चलते 11 से 13 फरवरी तक सात जिलों – अंबाला, कुरूक्षेत्र, कैथल, जींद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा में मोबाइल इंटरनेट और एसएमएस सुविधा को बंद कर दिया गया है। तीन केंद्रीय मंत्री – पीयूष गोयल, अर्जुन मुंडा और नित्यानंद राय – संयुक्त किसान मोर्चा और किसान संगठन के प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत करने के लिए 12 फरवरी को चंडीगढ़ पहुंचकर बातचीत का दौर शुरू हुआ । बातचीत शाम 5:00 बजे होनी थी लेकिन किसान नेता समय पर पहुंच गए थे पर केंद्रीय मंत्री अपनी फ्लाइट लेट बताते हुए रात 8:30 बजे चंडीगढ़ पहुंचे ।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल का बयान :
सरकार की सहकारी संस्थाएं उन किसानों की फसलों की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर करेगा जो फसल विविधिकरण को अपनाएंगे, यह 5 साल के लिए है। इसमें कपास और दाल जैसी फसलें शामिल हैं, जिसमें 5 साल की MSP गारंटी है। हमने यह प्रस्ताव किसान नेताओं को दिया है, वे चर्चा कर सकते हैं और सुबह तक हमें जवाब दे सकते हैं।
Farmer protest 2020-21:
संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले 26 नवंबर 2020 को शुरू हुआ आंदोलन, 378वें दिन में समाप्त हुआ था। उस आंदोलन में 700 से ज्यादा किसानों ने अपनी जान गंवाई थी। 2024 में हो रहे किसान आंदोलन में आज तक दिनांक 19 फरवरी तक दो किसानों की शहादत की खबर आ रही है ।
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FarmerProtest 2024 में किसान ज्ञान सिंह, शंभु बॉर्डर पर शहीद हो गये हैं। आंसू गैस के गोलों की चपेट में आने के बाद उन्हें लगातार साँस लेने में तकलीफ़ हो रही थी। उन्हें पटियाला के अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। वह गुरदासपुर से थे और उनकी उम्र 63 साल थी।
Farmer Protes t2024 : Farmer Gyan Singh, is martyred at shambhu border. He was experiencing trouble breathing because of the continuous tear gas shells fired at them. He was later admitted to a hospital in Patiala. He was 63 years old and belonged to Gurdaspur district in Punjab.
किसान मनजीत सिंह की आज खन्नौरी बॉर्डर पर मौत हो गई। किसान आंदोलन में यह दूसरी मौत है। मंजीत सिंह बीकेयू (क्रांतिकारी) से जुड़े थे। वह पंजाब के पटियाला के कांगथला गांव से थे।
Farmer Manjeet Singh passed away today at the Khannaouri border. This is the second death in the farmers’ protest. Manjeet Singh was associated with BKU (Krantikari). He belonged to Kangthala village of Patiala district in Punjab.
बीकेयू (क्रांतिकारी) की नेता सुखविंदर कौर:
Farmer protest 2024 में गोलाबारी और बातचीत साथ-साथ नहीं हो सकती, सरकार ऐसे बर्ताव कर रही है जैसे हम किसी दुश्मन देश के हों , पूरी दुनिया में किसान अपनी फसलों के दाम को लेकर किसान आंदोलन Farmer protest 2024 कर रहे हैं, लेकिन इस तरह का पुलिस जबर सिर्फ यहीं दिखाई पड़ रहा: बीकेयू (क्रांतिकारी) की नेता सुखविंदर कौर । जब किसान नेता पंजाब के एक पुलिस अधिकारी को दिखाने के लिए ले गए कि हमारे ऊपर गोलाबारी हो रही है तो हरियाणा पुलिस ने उनके ऊपर ही शेलिंग कर दी। मीटिंग में उन्होंने भी केंद्र सरकार को बोला कि किसान सच बोल रहे हैं। जो किसान नेता और संगठन इस मोर्चे में शामिल नहीं हुए, उनके बारे में और conspiracy theories के बारे में बताया कि ज्यादातर किसान नेता हमारे साथ हैं और किसान मजदूर के हक की लड़ाई लड़ रहे हैं ।
सरकार ने लिया किसान नेताओं पर बड़ा एक्शन:
Farmer protest 2024 : किसान आंदोलन से जुड़े सैकड़ो नेताओं के सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे फेसबुक ट्विटर पर बैन लगा दिया ।
पत्रकारों पर भी गिरी गाज :
जानकारी के मुताबिक लोकल जर्नलिस्ट पत्रकारों के भी सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बंद कर दिए हैं जिनमे एक नाम मनदीप पूनिया का भी शामिल है जिसमें उनका ट्विटर अकाउंट उनका फेसबुक अकाउंट उनका इंस्टाग्राम अकाउंट सब सरकार ने इस समय बैन लगा दिया है पिछले आंदोलन में सरकार ने मनदीप पूनिया के यूट्यूब चैनल को भी बंद कर दिया था अब वह दूसरे चैनल पर वीडियो डालते हैं उसको भी सरकार ने भारत में देखने पर रोक लगा दी है । पत्रकार श्याम मीरा सिंह के दिल्ली के बॉर्डर पर जाकर उन्होंने ट्विटर पर एक फोटो शेयर किया था जिसको लेकर सरकार ने ट्विटर को एक नोटिस जारी करके श्याम मीरा सिंह के ट्विटर अकाउंट को हटाने के लिए कहा है । श्याम मीरा सिंह के अनुसार उनका भी ट्विटर अकाउंट सरकार कभी भी बंद करवा सकती है इसलिए उन्होंने पहले ही दूसरा ट्विटर अकाउंट खोल लिया है ।